Darbhanga में News Click, ‘द न्यूयाॅर्क टाइम्स, Godi Media…इतनी शर्मनाक हालत आजाद भारत ने कभी नहीं देखी

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मुख्य बातें: मीडिया संस्थान पर हमला के खिलाफ भाकपा(माले) का राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद, मोदी शासन में भारत में प्रेस की आजादी का ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है: माले

प्रिंस राज, दरभंगा आइसा जिलाध्यक्ष (9430057107) की रिपोर्ट। विगत 3 अक्टूबर को मीडिया संस्थान न्यूजक्लिक के दफ्तर सहित उससे जुड़े कई प्रतिष्ठित पत्रकारों के घरों पर दिल्ली पुलिस ने अचानक छापा मारा तथा संस्थान के संस्थापक प्रवीर पुरकायस्था, प्रशासनिक अधिकारी अमित चक्रवर्ती; पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह, अभिसार शर्मा सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया.

बाकि लोगों को तो पूछताछ के बाद देर शाम छोड़ दिया गया लेकिन प्रवीर पुरकायस्था और अमित चक्रवर्ती को जेल भेजने के खिलाफ भाकपा(माले) के राष्ट्र व्यापी आवाहन पर आज दरभंगा में लहेरियासराय में प्रतिवाद मार्च निकाला गया।

मार्च कमिश्नरी से निकलकर लहेरियासराय टावर पर जाकर सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता माले नेता देवेंद्र कुमार ने किया।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा की यह छापा ‘द न्यूयाॅर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के आधार पर मारा गया, जिसमें पुलिस ने न्यूजक्लिक पर चीन से पैसा लेने का आरोप लगाया है. पत्रकारों पर कई प्रकार के बेबुनियाद आरोप लगाते हुए यूएपीए तक की धारा लगा दी गई है।

श्री यादव ने कहा की मोदी शासन में भारत में प्रेस की आजादी का ग्राफ लगातार नीचे ही गिरता जा रहा है. 180 देशों की सूची में भारत आज 161 वें स्थान पर है. इतनी शर्मनाक हालत आजाद भारत ने कभी नहीं देखी थी।

श्री यादव ने रघुनाथपुर रेल हादसा पर शोक प्रकट करते हुए आज मोदी सरकार सभी सरकारी संपति को निजीकरण करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि रघुनाथपुर रेल हादसा रेलवे के निजीकरण का परिणाम है। निजीकरण होने से रेलवे पटरी का रखरखाव कमजोर हुआ है। जिसके कारण आज रेल हादसा हुआ हैं।

वही इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने कहा कि मोदी सरकार अब सोशल मीडिया की आजादी को भी नियंत्रित करने के प्रयास में है। मेनस्ट्रीम यानि ‘गोदी मीडिया’ तो पूरी तरह से उसके चंगुल में है ही, जिसपर वह करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाती है.

बावजूद, सरकार अंदर से बेहद भयभीत रहती है. इसलिए अब वह सोशल मीडिया को निशाना बना रही है, जहां मोदी सरकार और भाजपा के झूठ की पोल खोलने की संभावना अब भी मौजूद है. सोशल मीडिया पर सक्रिय जनपक्षधर मीडिया ग्रुपों व पत्रकारों पर इसी कारण कई बहाने बनाकर हमला किया गया है।

इस अवसर पर पप्पू पासवान, मोहम्मद जमालुद्दीन, शिवन यादव, अवधेश सिंह, कामेश्वर पासवान, उमेश साह, धनराज साह, रंजन प्रसाद सिंह, रंजित राम, शिव चंद्र पासवान, शनिचर पासवान, अरविंद कुमार, विक्की राम, मोहम्मद मोजीम,विजय कुमार यादव, प्रिंस राज सहित कई लोग शामिल थे।

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