खुटौना, मधुबनी देशज टाइम्स। ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर गुरुवार को अकीदतमंदों ने भव्य जुलूस निकाली। जहां हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा होकर नारे तकबीर-नारे रिसालत का नारा लगाया, जिससे पूरा प्रखंड क्षेत्र गूंज उठा।
[the_ad id=”84379″] [the_ad id=”84379″]चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की मुस्तैदी रही जहां जुलूस के दौरान असामाजिक तत्वों और उपद्रवियों पर पैनी नजर बनाए हुई थी। लौकहा के मदरसा तंजीमून मुस्लेमीन से जुलूस की शुरुआत की गई जो लौकहा बॉर्डर होते हुए वापस मदरसा तंजीमून पर गई।
[the_ad id=”84379″] [the_ad id=”84379″]वहीं लौकहा के अलावा बन्दरझुल्ली खुटौना, ललमनियां, एकहत्था, डूबोरबोनी, लौकही, करियौत तथा पिपराही सहित खुटौना एवं लौकही प्रखंड के सभी पंचायतों में ईद-मिलादुन्नबी हर्षोल्लास के साथ अकीदतमंदों ने मनायी।
[the_ad id=”84379″] [the_ad id=”84379″]लौकहा के मुफ्ती अल्लामा रहमतुल्लाह मिस्बाही ने जूलूस के दौरान लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा सन् 571 हिजरी के 12 रबिअव्वल में अरब के सरजमीं पर सुबह सादिक के समय अल्लाह के आखिरी नबी हजरत मुहम्मद सल्लाहु अलैही व सल्लम की पैदाइश हुई। उनका दुनिया में आते ही गम और जुल्म की घटा छंट गई।
[the_ad id=”84379″] [the_ad id=”84379″]बेटियों को जहमत की जगह रहमत का दर्जा दिया जाने लगा। मौलाना शमशूल हक ने कहा आप खुदा का दूत बनकर आये और जहां मानवता नहीं थी भाई अपने भाई के खून का प्यासा था ऐसे में अमन, शांति और मानवता का पाठ पढ़ाया।
[the_ad id=”84379″] [the_ad id=”84379″]बच्चे बूढ़े सभी अपने अपने हाथों में झंडा लिए उत्साह के साथ जूलूस में दिखे। वहीं बुधवार की रात ईद-मिलादुन्नबी के मौके पर मौलाना शमशूल हक, मौलाना अफजल इमाम, मौलाना शाह मोहम्मद, मौलाना तौकीर, मौलाना रिजवान सहित अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मस्जिद और मदरसों में नहीं के पैदाइश के मौके पर उनके शान कसीदे पढ़े।
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