दरभंगा में एम्स बनकर रहेगा, 30 फीट गड्ढे वाली भूमि पर उतर आया बीजेपी का पूरा कुनबा, कहा-जिद्दी सीएम के सामने जान देने का नहीं है, मोदी हैं ना

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आज केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने एक साथ दरभंगा के शोभन एकमी बायपास (मौजा पंचोभ-बलिया) में 30 फीट गड्ढे वाली भूमि पर 2 अक्टूबर, गांधी जयंती से दरभंगा सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर द्वारा किए जा रहे अनिश्चितकालीन अनशन को जूस पिलाकर समाप्त कराया। श्री बघेल ने कहा कि सभी अनशनकारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर विश्वास रखें और जिद्दी मुख्यमंत्री के सामने जान ना देकर अपना अनशन समाप्त करें।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से एम्स के मानक अनुरूप 200 एकड़ उपयुक्त समतल भूमि उपलब्ध कराते ही एम्स निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एम्स एक बड़ी परियोजना है जो बार-बार नहीं बनती, यूजी और पीजी सीट सहित विभाग बढ़ाने पर व्यवस्था भी बढ़ानी पड़ती है।

इसी कारण कई दूरदर्शी सोच वाले राज्यों ने 200 एकड़ से काफी अधिक भूमि एम्स निर्माण के लिए दी हैं। उन्होंने कहा कि 15 सितंबर 2020 को 1264 करोड़ की लागत से बनने वाले दरभंगा एम्स की केंद्रीय कैबिनेट से स्वीकृति दी गई और एमबीबीएस की पढ़ाई भी शुरू होने वाली थी लेकिन राज्य सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण ना निर्माण शुरू हुआ और ना ही पढ़ाई।

उन्होंने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय से दरभंगा एम्स के कार्यकारी निदेशक के रूप में डॉ. माधवानंद कर कार्यरत है, जो कि एक बड़े कैंसर विशेषज्ञ भी है। उन्होंने कहा कि 150 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पानी और पार्किंग की सुविधा के अभाव के कारण शुरू नहीं हो सका है, गौरतलब है की इस अस्पताल में पानी की सुविधा स्थानीय सांसद ने अपने ऐच्छिक कोष से उपलब्ध कराया है।

श्री बघेल ने कहा कि बीते दिनों हुए जी20 सम्मेलन के दौरान आयोजित रात्रि भोज में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दरभंगा एम्स को लेकर चर्चा की और जमीन देने का अनुरोध भी किया।

उन्होंने बिहार सरकार का पर्दाफाश करते हुए कहा कि जिस गड्ढे वाली भूमि को सूबे की सरकार उपयुक्त बता रही है, मुख्यमंत्री जिस टेक्निकल टीम को चाहेंगे, केन्द्र उसी को जांच के लिए भेजेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गड्ढे वाली भूमि सिर्फ वाटर स्पोर्ट के लिए उपयुक्त है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि राज्य का पहला एम्स पटना में श्रद्धेय अटल जी ने दिया और दूसरा एम्स प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने मिथिला के केंद्र दरभंगा में देने का ऐतिहासिक कार्य किया।

उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री अपने जिद के कारण दरभंगा एम्स को अटकाने, लटकाने और भटकाने का कार्य कर रहे है, पूर्व में दरभंगा मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड करने की बात कहते थे और आज गड्ढे में निर्माण की बात करते है। उन्होंने कहा कि मिथिला के लोगों के संघर्ष के आगे राज्य सरकार को झुकना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में संकल्प से सिद्धि के साथ दरभंगा एम्स का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि 200 एकड़ भूमि की स्वीकृति के बाद ही भारत सरकार ने एम्स निर्माण की मंजूरी दी थी, जिसके 75 एकड़ में लगभग 13करोड़ की लागत से मिट्टीकरण किया गया, जिसमें डेढ़ साल से अधिक समय लगा। उन्होंने कहा कि इस गड्ढे वाली भूमि में टेंडर और अन्य प्रक्रिया के नाम पर राज्य सरकार मिथिलवासियों को ठगने का कार्य कर रही हैं।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा की नीतीश तेजस्वी की सरकार कितनी भी साजिश करे, दरभंगा एम्स बनकर रहेगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री की नीति और नीयत में खोट है, पहले दरभंगा के डीएमसीएच परिसर में 200 एकड़ जमीन की स्वीकृति दिए, जिस पर एम्स निर्माण के लिए भारत सरकार ने मंजूरी दी और कैबिनेट करने के साथ, डायरेक्टर की भी नियुक्ति की।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एम्स बनाने के लिए तैयार, राज्य सरकार अपना नियत स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार ने बिना कारण बताए दरभंगा एम्स का स्थल परिवर्तित करते हुए गड्ढे वाली भूमि का चयन किया और इस पर मिट्टीकरण व अन्य बुनियादी सुविधा के नाम पर एक बड़े घोटाले की तैयारी की गई है। उन्होंने राज्य सरकार के एम्स विरोधी मानसिकता को उजागर करने के लिए दरभंगा सांसद सहित सभी अनशनकारी का आभार व्यक्त किया।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने महागठबंधन सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की दरभंगा एम्स के लिए जो भी कीमत देनी होगी, देंगे लेकिन मिथिला के भावना व मिथिलावासियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं करने देंगे।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिथिला के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, केंद्र की सभी परियोजना को धरातल पर लाने के लिए सदन से सड़क तक लड़ाई चलेगी। उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स के लिए नए भूमि के चयन में मुख्यमंत्री ने हड़बड़ी में गड़बड़ी की है।

सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि बिहार सरकार व उनके नुमाइंदों (मंत्री, विधायक, प्रवक्ता व अन्य नेता) का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने कहा कि आज राज्य सरकार के दरभंगा एम्स विरोधी मानसिकता और एम्स निर्माण में किए गए वादाखिलाफी को मिथिलावासी समझ गए है।

उन्होंने कहा कि कागजी घोषणा कर मिथिला की आठ करोड़ जनता को गुमराह किया जा रहा है और मोदी सरकार द्वारा दिए गए एम्स रूपी वरदान से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि मिथिला विरोधी राज्य सरकार आठ वर्षों से उपयुक्त भूमि ना देकर एम्स निर्माण में बाधक बनी हुई है, लगातार षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अनशन समाप्त किया है आंदोलन जारी रहेगा और अधिक व्यापक होगा।

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने कहा दरभंगा एम्स का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी जी करेंगे, यहीं बात बिहार के मुख्यमंत्री को नहीं भाता है।

मधुबनी सांसद अशोक यादव ने कहा कि राज्य सरकार दरभंगा एम्स हेतु उपयुक्त जमीन जल्द दें और पलटू राम पलटने की नीति से बाज आए और एम्स निर्माण में सहयोग करें।

पूर्व मंत्री सह राजनगर विधायक रामप्रीत पासवान ने कहा कि राज्य में महागठबंधन सरकार बनते ही दरभंगा एम्स को भटका दिया गया है, उपयुक्त जमीन पर बनेगा एम्स।

इस अनशन में भाजपा के अश्विनी यादव, राधेश्याम झा, मणिकांत झा, विकाश विवेक चौधरी, माधव चौधरी, मणिकांत मिश्र, रजनीश झा, विनय पासवान, बालेंदु झा, माधव आजाद, मुनींद्र यादव, रामाज्ञा चौधरी, मुकेश महासेठ, रमाकांत झा मुन्ना, गिरीश चौधरी, रंजीत झा, मणिकांत राय, पिंटू झा, हेमचंद्र सिंह, अनीता कुमारी, सपना भारती लोग अनशनकारी के रूप में शामिल हुए।

मौके पर नगर विधायक संजय सरावगी, जाले विधायक जीवेश मिश्रा, केवटी विधायक मुरारी मोहन झा, हायाघाट विधायक रामचंद्र प्रसाद, पूर्व विधान पार्षद अर्जुन सहनी, दरभंगा भाजपा जिलाध्यक्ष जीवछ सहनी, मधुबनी जिलाध्यक्ष शंकर झा, झंझारपुर जिलाध्यक्ष (सांगठनिक) ऋषिकेश राघव, जिला प्रभारी अरुण कुशवाहा, लोकसभा प्रभारी राम कुमार झा, अभयानंद झा, संजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह, सुजीत मल्लिक, ज्योतिकृष्ण लवली, प्रेम कुमार मिश्रा रिंकू, कृष्ण भगवान झा, मिथिला विकास परिषद, कोलकाता के अध्यक्ष अशोक झा, मिथिला राज्य निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष राम मोहन झा, पूर्व सैनिक परिषद, दरभंगा के अध्यक्ष प्रेम झा सहित कई कार्यकर्ता और हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहें।

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