मुख्य बातें: जयंती पर आचार्य सुमन को किया कृतज्ञ नमन, प्रतिमा पर अर्पित किया श्रद्धा सुमन, आचार्य सुमन अमर रहे के खूब लगे नारे
दरभंगा, देशज टाइम्स। आचार्य सुरेंद्र झा सुमन की 113 वीं जयंती पर विद्यापति सेवा संस्थान ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मिथिला के वरद् पुत्र को कृतज्ञ नमन किया और आचार्य सुमन अमर रहे के नारे लगाए।
मौके पर पूर्व विधान पार्षद डा. दिलीप कुमार चौधरी ने आचार्य सुरेंद्र झा सुमन को ऐति हासिक महापुरुष बताते हुए एक आम मैथिल, साहित्यकार और जनप्रतिनिधि के रूप में उनके किए कार्यों को सराहनीय व अनुकरणीय बताया।
संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने सुमन जी के प्रति अपना उद्गार व्यक्त करते हुए उनकी रचित शिव पंचाक्षर स्तुति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि देवों के देव महादेव की महिमा का वर्णन करती सुमन जी की यह रचना भारतीय साहित्य की अनुपम, अद्वितीय और अद्भुत कृति है।
मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमला कांत झा ने उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा कि सुमन जी सही मायने में एक अमर साहित्यकार थे। जिनकी लेखनी में कवि-हृदय के स्वच्छन्द भाव और मुख से प्यार व दुलार सदैव प्रस्फुटित होता था।
डा दिलीप कुमार झा ने अपने संबोधन में आचार्य सुमन को साहित्य सौंदर्य का अद्भुत उपासक व महान राष्ट्र भक्त बताया। दुर्गा नंद झा ने सुमन जी को अपने सद्गुण के कारण स्वत: हृदयग्राही बताया। प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई ने आचार्य सुमन को सजग राष्ट्र का सजग प्रहरी बताते हुए कहा कि आचार्य सुमन अमर हैं और अमर रहेंगे।
मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि सुमन जी मैथिली साहित्य के आकाश में एक ऐसे साहित्यकार के रूप में विख्यात हैं, जिन्होंने विपुल साहित्य के संयोजन और रचना के पश्चात स्वयं को ही साहित्य रचना का विषय बना लिया है। यह निसंदेह प्रेरणास्पद है।
विनोद कुमार झा ने कहा ने कहा कि सुरेंद्र झा सुमन का मिथिला के सामाजिक एवं राजनीतिक विकास में न सिर्फ अभूतपूर्व योगदान रहा, बल्कि उनके द्वारा कायम आदर्श के प्रतिमान आज भी काफी महत्व रखते हैं।
इस अवसर पर डा उदय कांत मिश्र, चौधरी फूल कुमार राय, नन्द कुमार झा, मिथिलेश मिश्र, रामाज्ञा झा, आशीष चौधरी, नवल किशोर झा, मणिशंकर राजू, पुरुषोत्तम वत्स आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।